Holi 2020 Special | कविता होली मुक्तक - (चन्द्रा गुप्ता )





चन्द्रा गुप्ता 
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पीला, हरा, गुलाबी रंग दे,
         लाल चटक बैजंती |
होली की खुशियाली भर दे,
          प्यार की मने जयन्ती ||
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राग द्वेष को दूर भगाएँ,
           रंगो का त्योहार मनाये |
बैर भाव को दूर भगा कर,
           रंगो जैसे घुल मिल जायेँ ||
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ब्रिज जैसी होली खेलें हम,
           राधा कृष्ण सा प्यार |
व्यंजन सा मिष्ठान भरे हम,
           गुझियों का त्योहार ||
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होली में होलिका जली थी,
           वैसे ही हम पाप जलाये |
हिरण्यकश्यप से पापी मारें,
           सज्जन से प्रहलाद बचाएं ||
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कैसी होली कैसा फाग,
            जब दिल में भरी नफरत की आग |
पहले दिल की आग बुझाएँ,
            तब होली में आग लगाएँ || 

                    


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