Holi 2020 Special | कविता होली मुक्तक - (चन्द्रा गुप्ता )
चन्द्रा गुप्ता __________________________ पीला, हरा, गुलाबी रंग दे, लाल चटक बैजंती | होली की खुशियाली भर दे, प्यार की मने जयन्ती || ---------------------------------------- राग द्वेष को दूर भगाएँ, रंगो का त्योहार मनाये | बैर भाव को दूर भगा कर, रंगो जैसे घुल मिल जायेँ || ---------------------------------------- ब्रिज जैसी होली खेलें हम, राधा कृष्ण सा प्यार | व्यंजन सा मिष्ठान भरे हम, गुझियों का त्योहार || -------------------------------------- होली में होलिका जली थी, वैसे ही हम पाप जलाये | हिरण्यकश्यप से पापी मारें, सज्जन से प्रहलाद बचाएं || ------------------------------------- कैसी होली कैसा फाग, जब दिल में भरी नफरत की आग | पहले दिल की आग बुझाएँ, तब होली में आग लगाएँ ||